विचारों की बारिश काव्य संग्रह में मन में हो रहें विचारों की बारिश को शब्दों में ढाला गया है। आसमान तारों को देख कवि ह्रदय को जो अनुभव हुआ है उसे शब्दों में पिरोने की कोशिश किया है। सफेद कागज को लेकर भी मन में आए खयालो को सजाने का भी प्रयास दृष्टिगोचर हुआ है। सागर के जरिये जीवन को प्रतीकात्मक दृष्टि से देखा गया है। आखों से ओझल हुए एक व्यक्ति के याद में भी शब्दों की मोती सजाया गया है। माँ की ममता को भी एक कविता के रूप में पेश किया गया है। एक कविता में जागृत रहने की सीख है। किताब पढ़ने पर जो अनुभव हुआ उसे भी बयान किया। बचपन और बड़े होने के बाद कैसा अनुभव होता है उसे भी लफ्जो में कैद किया है। शहर के जीवन शैली को भी शब्दों में ढाला है, दिल की बात क्यों सुनना चाहिए वो भी सफलता से बताया है। कविता के मधुर शब्दों से पिताजी को शुक्रिया कहने के साथ ही व्यक्तित्व पर भाव प्रकट किया है। लेखन की कला हो या समय या मन में उठ रहें कई सवाल इस काव्य ग्रन्थ में समेटने का प्रयास है। जीवन में यादो और नियमों की भूमिका को भी काव्य रूप सार्थकता से दिया है और जीवन के आखिरी लम्हें को लेकर जो जिज्ञासा है उसको भी महत्व दिया गया है।जीवन में मिले असफलता, फोटो, आस्था इन सब को लेकर भी विचारों को इस किताब में जगह दिया है। संपूर्ण काव्य पुस्तक में विचारों की बारिश में भीगने का पाठको को सुनहरा अवसर मिलेगा।
Vicahroon ki Barrish
- Jina Sarma
- All items are non returnable and non refundable